कक्षा आठ को मैं आई. सी. एस. ई का पाठ्यक्रम न कराकर उनकी भाषा को परिपक्व करने के लिए भाषा के विभिन्न पहलुओं पर काम करती हूं जैसे कि - व्याकरण के विभिन्न मुद्दों का अभ्यास, औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन, चित्र पर निबंध (चित्र वर्णन या कहानी - २० साल से बोर्ड में आए हुए चित्रों पर), कहावतों पर कहानी (२० साल से बोर्ड में आई हुई कहावतों पर), वर्णनात्मक -विवरणात्मक -काल्पनिक निबंध, अपठित गद्यांश आदि । व्याकरण के मुद्दों में बच्चों को मुहावरों का अभ्यास भी दिया जाता है । बच्चे कहानी और निबंध लिखते समय मुहावरों का स्वाभाविक प्रयोग कर पाएं इसके लिए उन्हें कहानी लेखन करने को दिया जाता है जिसमें उन्हें अधिक से अधिक मुहावरों के प्रयोग के लिए उत्साहित किया जाता है । नीचे लिखी हुई कहानियाँ उसी प्रयोग का उदाहरण हैं । इन कहानियों को सुनाने के लिए या अपठित गद्यांश की तरह भी प्रयोग किया जा सकता है । अपठित गद्यांश के लिए अध्यापक या अध्यापिका प्रश्न बनाकर कार्य पत्रिका बच्चों को अभ्यास के लिए दे सकते हैं । आशा है कि आपको यह प्रयास अच्छा लगेगा ।
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