Sunday, May 31, 2015

Deepawali ICSE 1984 and 1990 and Picture compositon on Diwali

मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई  में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में चित्र के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है । बच्चों से कई सारे चित्रों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग चित्र दिया जाता है जिस पर वे निबंध वर्णन या कहानी के रूप में लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको सभी चित्र वर्णन और कहानी का केंद्र बिंदु भी समझ आ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल न हो । इन चित्रों पर लिखे वर्णन और कहानी के रूप में लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें चित्रों के केंद्र बिंदु का अर्थ अच्छी तरह से समझ आ सके । हर चित्र को आई. सी.  एस. ई   के पेपरों से लिया गया है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी ।

१९८४- भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से कोई एक । इन बातों का वर्णन अवश्य करें- सविस्तार बताइए कि यह किन कारणों से मनाया जाता है , मनाने वाले लोगों के लिए इसका क्या महत्त्व है और यह कैसे मनाया जाता है? / १९९०- आलोक पर्व दीपावली-सविस्तार वर्णन कीजिए कि इस त्यौहार का प्रारंभ कब हुआ, जनता में इसका महत्त्व क्या है और यह कैसे मनाया जाता है?










मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई  में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में वर्णनात्मक , कल्पनात्मक और विवरणात्मक विषयों  पर एक निबंध पूछा जाता है । बच्चों से कई सारे विषयों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग विषय दिया जाता है जिस पर वे निबंध या प्रस्ताव लिखते हैं । इन वर्णन और प्रस्ताव के रूप में लिखे निबंधों को छात्र-छात्राओं को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें सभी विषय अच्छी तरह से समझ आ सके । हर विषय को आई. सी.  एस. ई के पेपरों से लिया गया है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी ।











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