मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में कहावत के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है । बच्चों से कई सारी कहावतों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग कहावत दी जाती है जिस पर वे निबंध लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको कहावतें भी समझ आ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल न हो । इन कहावतों पर लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें कहावतों का अर्थ अच्छी तरह से समझ आ सके । हर कहावत के आगे वर्ष लिखा गया है , इसका मतलब है कि यह कहावत बोर्ड में उस वर्ष में पूछी गई है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी ।
परिश्रम ही सफलता का सोपान है - मेहनत करने से ही
सफलता मिलती है अथवा सफलता का रहस्य सोपान है (आयुष) 2013
हम
सुबह-सुबह उठ गए थे । हम मतलब मैं, मेरी माँ, मेरे पिता और मेरी बहन लद्दाख की
पहाड़ियों की चढ़ाई पर जा रहे थे । हम सुबह साढ़े चार बजे उठ गए । हमें इतनी ठंड लग
रही थी कि नहाने का मन ही नहीं था । पर हम किसी तरह नहा लिए । फिर जब हम बाहर
निकले तो भी हमें बहुत ठंड लग रही थी । ठंड की वजह से हमारे पैर सुन्न हो गए । पर हम किसी भी तरह से हिम्मत और मेहनत से आगे
बढ़ने लगे ।
हम गाड़ी
में बैठ कर पहाड़ के पास जा रहे थे । रास्ते में जाते हुए हमने देखा कि कुछ-कुछ
पहाड़ियों पर बर्फ गिर रही थी । मेरी बहन को डर लगने लगा पर मैंने और मेरे
माता-पिता ने उसका हौसला बढ़ाया और उसमें जोश आ गया । जाते हुए हमें दो-तीन पहाड़ियाँ
पार करनी पड़ीं ।
एक पहाड़
पर बहुत सारी गाड़ियाँ थीं । रास्ता पतला था, इसलिए यातायात रुका था । किसी की गाड़ी
में बच्चा उल्टी कर रहा था, तो किसी गाड़ी का इंजन खराब हो गया और किसी गाड़ी का
टायर बर्फ में फँस गया था ।
हमें बहुत
देर हो रही थी , ऐसा लग रहा था कि होटेल शाम तक ही पहुँचेगे । पर धीरे-धीरे
गाड़ियाँ हिलने लगीं । हम अब इस पहाड़ से नीचे उतर गए थे । उतरने के बाद दूसरे पहाड़
में भी वही देखा जो पहले वाले में देखा था । तभी हमारी कार का टायर पंक्चर हो गया
और हमारी गाड़ी भी खराब हो गई । इधर बर्फ भी गिरने लगी । पर हमने हौसला नहीं हारा ।
फिर हम उस
पहाड़ पर पहुंच ही गए जहाँ हम चढ़ाई करने वाले थे । यह पहाड़ बर्फ से गिरा हुआ था ।
हमें इस पहाड़ पर चढ़ना बहुत मुश्किल लग रहा था । पर हमने अपने आप से कहा,"
इतनी दूर आए हैं, तो चढ़ाई कर के ही जाना है ।"
हमने चढ़ाई
शुरु की । थोड़ा ही ऊपर जाकर हमें ठंड लगने लगी, पर हमने मेहनत कर के चढ़ाई जारी रखी
। आगे जाकर हमारे मार्गदर्शक के पैर में मोच आ गई , तो वह हमारे साथ आगे न जा सके
। अब चढ़ाई और भी मुश्किल हो गई थी । हमने अपनी मेहनत से चढ़ाई खत्म कर ली । फिर जब
हम ऊपर जाकर वापिस नीचे आए तो ऐसा लगा कि
हम कोई जंग जीत गए हैं ।
इसे देखकर
मेरे मन में यह आया कि "परिश्रम ही सफलता का सोपान है - मेहनत करने से ही
सफलता मिलती है अथवा सफलता का रहस्य मेहनत है ।
great job..........!!!
ReplyDeleteit's nice
Good imagination..... Well done
ReplyDeleteGood imagination..... Well done
ReplyDeleteWhat a storyyy😄😄😄😄😄😃😃😃😃😃😃😃😄😄😄😄
ReplyDeletenice story👌👌👍👍👏👏
ReplyDeleteThank you very very much
ReplyDeleteIt was so helpful 👍👍🤙
Vry nice story nd vry helpful for students.. Thanks for this..👍
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ReplyDeleteLot of grammatical mistake
ReplyDelete😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒
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