Sunday, November 30, 2014

Story on Proverb-Jiski lathi uski bhans/ जिसकी लाठी उसकी भैंस

मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस.   में भी हिंदी पढ़ाती हूँ इस बोर्ड के हिंदी पेपर में कहावत के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है बच्चों से कई सारी  कहावतों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग कहावत दी जाती है जिस पर वे निबंध लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको कहावतें भी समझ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल हो इन कहावतों पर लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें कहावतों का अर्थ अच्छी तरह से समझ सके हर कहावत के आगे वर्ष लिखा गया है , इसका मतलब है कि यह कहावत बोर्ड में उस वर्ष में पूछी गई है आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी


 जिसकी लाठी उसकी भैंस  (अमोल)

"जिसकी लाठी उसकी भैंस"- यह मुहावरा आज का ही नहीं , न जाने कितनी शताब्दियों के सच को बताता है। कुछ दिनों पहले मैं अफ्रीका गया था । अफ्रीका में सब कुछ बहुत सुंदर था। सारे जीव-जंतु सब में ज़िंदगी दिखाई दे रही थी । सब जगह हरियाली छाई थी। सुबह के समय में अफ्रीका देखने पर मुझे लगा कि मैं तो मानो स्वर्ग में आ गया हूँ।
वहाँ मेरा पहला दिन था इसलिए मैं कई गाँवों में वहाँ के लोगों की स्थिति को देखने के लिए गया । मुझे देखकर उन्हें लगा कि मैं टी. वी. के किसी चैनल का कर्मचारी हूँ और वे बहुत उत्साह से मुझे देखने लगे । पर फिर कुछ ही मिनटों में सही बात पता लगने पर वे अपने खेतों में काम करने लग गए ।
दूर से देखने पर मैंने देखा कि एक मोटा आदमी उन लोगों को आदेश दे रहा था । किसी से पूछने पर मुझे पता चला कि वह यहाँ का एक ज़मींदार है । उसने यह भी कहा कि वह सारे लोगों को अफीम उगवाने के लिए मज़बूर कर रहा था । जिज्ञासा से मैंने एक किसान से जाकर पूछा कि तुम उसके आदेश पर अफीम क्यों उगाते हो? तो किसान ने धीमी आवाज़ में कहा कि पहले वह ज़मींदार कुछ नहीं करता था । पर एक साल यहाँ पर बारिश नहीं आई और खेतों में फसल भी ठीक से उगी नहीं । फसल न उगने की वजह से वे ज़मींदार को रुपए नहीं दे पाए। उस समय से वह ज़मींदार हम किसानों को अफीम उगाने के लिए मज़बूर कर रहा है। उसने फिर यह भी कहा कि वह कोर्ट-कचहरी में भी अपनी शिकायत लेकर गए पर जज ने ज़मींदार को निर्दोष बताया । उस के बाद से तो ज़मींदार का ज़ुल्म और भी बढ़ गया । वह हमसे अफीम की खेती करवाता है, कोई कुछ नहीं कर सकता ।

मुझे यह सही लगता है कि ताकतवर के सामने सब लोग हार मान जाते हैं। तभी तो किसी ने सही कहा है "जिसकी लाठी उसकी भैंस"। आज भी ज़माना इन्हीं ताकतवर लोगों का है, पहले भी इन्हीं का था । 



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