Sunday, November 30, 2014

Story on Proverb-Motherland is like mother and it is beautiful than heaven/जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अथवा जन्मभूमि माँ के समान है जो स्वर्ग से भी सुन्दर है।

मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस.   में भी हिंदी पढ़ाती हूँ इस बोर्ड के हिंदी पेपर में कहावत के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है बच्चों से कई सारी  कहावतों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग कहावत दी जाती है जिस पर वे निबंध लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको कहावतें भी समझ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल हो इन कहावतों पर लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें कहावतों का अर्थ अच्छी तरह से समझ सके हर कहावत के आगे वर्ष लिखा गया है , इसका मतलब है कि यह कहावत बोर्ड में उस वर्ष में पूछी गई है आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी


जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अथवा जन्मभूमि माँ के समान है जो स्वर्ग से भी सुन्दर है।   (मीताली)
दुनिया में अनेक देश हैं। हर देश की एक या अनेक विशेषताएँ होती हैं। कई देश अपने खेल के लिए जाने जाते हैं तो कई अपने खाने-पीने के लिए। कई अपनी बड़ी-बड़ी इमारतों के लिए और कई अपने इतिहास के लिए।
भारत ऐसा देश है जो इन सभी विशेषताओं की वजह से जाना जाता है-खाने-पीने, इमारतें, इतिहास आदि से। भारत में रहकर ऐसा लगता है कि इस देश के सारे लोग आपके भाई-बहन हैं। जैसे कि हम सब एक बड़ा परिवार हों। हम सब एक साथ अपने देश की सेवा के लिए काम करते हैं। जैसे कि हम अपने प्रधानमंत्री को एक साथ मिलकर अपनी इच्छानुसार चुनते हैं। कई साल पहले जब कई विदेशियों ने हमारे देश पर हमला किया तो हम सब ने अपने-अपने काम, धर्म आदि को भूलकर एक साथ उनके विरुद्ध लड़ाई की । ऐसे बड़े-बड़े कदम उठाकर ही भारत की सारी जनता ने एक साथ मिलकर काम किया था और मुझे विश्वास है कि वे ऐसे ही कदम हमेशा उठाएंगे।
भारत के अनेक सागर, पहाड़ व नदी जैसे कि हिंद महासागर, हिमालय पर्वत, गंगा और यमुना आदि की वजह से ही भारत का नाम रोशन है। भारत में स्थित इमारतेम जैसे कि ताजमहल, कुतुबमीनार, लाल किला, गोल गुम्बज आदि विदेशियों व स्वदेशियों दोनों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यहाँ इतने सारे खूबसूरत नगर हैं जो अलग-अलग कारणों से प्रसिद्ध हैं। जयपुर जिसे "पिंक सिटी" जाना जाता है, केरल जिसे "गोड्स ओन कंट्री" जाना जाता है और ऐसे ही कई और नगर भारत में स्थित हैं। कर्नाटक की ऐतिहासिक इमारतें, राजस्थान व कच्छ की उभरती हुई कला, दिल्ली की गलियाँ आदि पूरे संसार में महत्त्व रखते हैं।
नगरों के अलावा भारत अपने गाँवों के लिए भी जाना जाता है। इस छोटे-छोटे स्थानों में कोई न कोई बड़ी कहानी छुपी हुई है। इन जगहों में ही भारत के सारे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय गीत, नृत्य, कहानियाँ, कविताएँ जन्म लेती हैं। महान चित्रकार, लेखक, कवि आदि की ज़िंदगियाँ भी भारत के ही छोटे-छोटे नगरों व उनकी गलियों में ही बिखरी दिखती हैं।
भारत दुनिया में अपनी सांस्कृतिक समानता, एकता व विभिन्नता के ही कारण अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। जिस तरह इन्सान अपनी माँ को भगवान मानता है, उसी तरह भारतीय अपनी मातृभूमि को अपनी "माँ" समझते हैं। अगर भारत जैसी खूबसूरत जगह धरती पर स्थित है तो फिर स्वर्गलोक जाने की किसी की भी इच्छा कैसे हो सकती है? स्वर्ग क्या, इतने अमूल्य स्थान पर जन्म लेकर और थोड़ी-सी भी ज़िंदगी यहाँ गुजारकर हम भारतवासियों में से कोई विदेश भी जाएगा तो भी हम भारत की हर छोटी सी छोटी चीज की मधुर याद न भुला पाएंगे।

इसलिए तो किसी ने सही कहा है- जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी यानि कि जन्मभूमि माँ के समान है जो स्वर्ग से भी सुन्दर है।



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