Monday, March 31, 2014

Story on proverb- Ek machli saare taalab ko ganda karti hai/ एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है


मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई  में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में कहावत के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है । बच्चों से कई सारी  कहावतों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग कहावत दी जाती है जिस पर वे निबंध लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको कहावतें भी समझ आ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल न हो । इन कहावतों पर लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें कहावतों का अर्थ अच्छी तरह से समझ आ सके । हर कहावत के आगे वर्ष लिखा गया है , इसका मतलब है कि यह कहावत बोर्ड में उस वर्ष में पूछी गई है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी । 




 एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है  (त्रिशा)

पिछले साल हमारे स्कूल की एक हाकी टीम थी । उस टीम में कक्षा नौ और ग्यारह के चुने हुए अच्छे हाकी खिलाड़ी शामिल थे । टीम के सब बच्चे हफ्ते में दो बार हाकी खेलते थे । टीम का नाम "वैली स्कूल चैम्पियन्स" था । कई बार यह टीम दूसरी पाठशालाओं की हाकी टीम के साथ खेली थी । ऐसे ही एक दिन टीम के मास्टर ने बताया कि कुमारन स्कूल के हाकी खिलाड़ी वैली स्कूल के हाकी खिलाड़ियों के साथ खेलना चाहते थे । टीम के सब खिलाड़ियों ने अपने मास्टर की बात मानी और उस मैच की तैयारी करने लगे ।
हर सुबह छ: बजे टीम के मास्टर सब खिलाड़ियों को स्कूल के अन्दर ही बीस कि.मी भगाते थे । फिर दौड़ने के बाद हाकी कोर्ट में सब खिलाड़ी मैच खेलना शुरु करते थे । "वैली स्कूल चैम्पियन्स" और कुमारन स्कूल की हाकी टीम के मैच का दिन धीरे-धीरे पास आने लगा और फिर एक महीने तक हाकी खेलने का अभ्यास करने के बाद मैच का दिन भी आया और वैली स्कूल चैम्पियनस बिल्कुल तैयार थे ।
हाकी मैच शुरु हुआ और वैली स्कूल के सब खिलाड़ी बहुत अच्छे तरीके से खेल रहे थे । उनको दस अंक शुरुआत के पाँच मिनट में ही मिल गए और कुमारन की टीम को सिर्फ पाँच अंक मिले थे । फिर अचानक कुमारन टीम बहुत अच्छी तरह से खेलने लगी और दो मिनट में वैली स्कूल की टीम से ज़्यादा अंक उन्हें मिले । कुमारन के खिलाड़ियों को जल्दी से अंक बनाते देखकर वैली स्कूल के सब खिलाड़ी डर गए । वे आत्मविश्वास खो बैठे और वे अब ज्यादा बुरा खेलने लगे और कुमारन की टीम ज़्यादा अंक बनाती रही । कुमारन के खिलाड़ियों को अच्छी तरह खेलते हुए देखकर वैली स्कूल के एक खिलाड़ी को बहुत गुस्सा आया । वह कुमारन की टीम को हराना चाहता था । इसलिए उसने फैसला किया कि वह कुमारन के अच्छे खिलाड़ी को खेल में गिराकर घायल करेगा । उसने तेज़ी से भागते हुए कुमारन के खिलाड़ी को ज़ोर से धक्का दिया और उसे लात मारने लगा । वह खिलाड़ी बेहोश हो गया और सब अध्यापक कोर्ट की तरफ भागे । टीम के मास्टर ने राहुल के पास जाकर उसको ज़ोर से पकड़ा और एक कोने में लेकर ज़ोर से थप्पड़ मारा । मास्टर ने उसको ढेर सारी गालियाँ दीं और कहा कि वह टीम से बाहर निकल जाए । फिर मास्टर साहब दूसरी टीम के घायल हुए खिलाड़ी के पास गए । उन्हें पता चला कि उस खिलाड़ी की बाँह टूट गई थी और उसे अस्पताल में दो-तीन दिन रहना पड़ेगा ।
राहुल को सब अध्यापकों की डाँट और फटकार सुननी पड़ी । उसकी टीम के सब खिलाड़ी भी राहुल से गुस्सा थे । अगले दिन कुमारन की हाकी टीम के मास्टर ने आकर वैली स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की और कहा कि यह उचित व्यवहार नहीं है । उसी दिन वैली स्कूल के प्रधानाचार्य ने सारी पाठशाला को कहा कि उस दिन के बाद वैली स्कूल में कोई हाकी टीम नहीं होगी क्योंकि राहुल ने जो किया , उसके लिए उसे क्षमा नहीं किया जा सकता । राहुल की वजह से ही टीम के बाकी खिलाड़ी दूसरे स्कूल के साथ हाकी नहीं खेल पाए और उस दिन से स्कूल में राहुल का कोई दोस्त नहीं रहा । सच ही है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है । किसी एक की गल्ती का फल सभी को भुगतना पड़ता है ।

एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है (जश)

एक दिन सुबह मैं अखबार पढ़ रहा था जब मैंने एक बड़ी खबर पढ़ी । वह बड़ी खबर थी कि एक टीम क्रिकेट में हार रही थी और अंत में बहुत बुरी तरह से दूसरी टीम से हार गई । यह हुआ क्योंकि एक खिलाड़ी बहुत बुरी तरह से खेल रहा था । यह ऐसे हुआ क्योंकि वह खिलाड़ी पैसों के लिए लालच में जान-बूझकर खेला नहीं । अखबार में लिखा था कि वह खिलाड़ी बहुत मशहूर था और महान बल्लेबाज था पर उसको एक दिन एक आदमी ने पैसे दिए खेल में हार जाने  के लिए । वह पैसों के लालच में खेला ही नहीं । इस घटना से दूसरे खिलाड़ियों पर भी प्रभाव पड़ा और उन पर भी संदेह और शक किया गया कि कुछ तो गड़बड़ है, दाल में कुछ काला ज़रूर है । एक खिलाड़ी ने बताया कि हार के एक दिन बाद वह खिलाड़ी जो पैसों के लालच में था , उसने एक बहुत शानदार और नई गाड़ी ली और अपने खिलाड़ी मित्र को बताया । फिर उसने एक बहुत मँहगा और विलासितापूर्ण भवन लिया ।
सब खिलाड़ी चौंक गए कि ऐसे कैसे हो सकता है ? हारने के बाद उसे इतना धन कैसे मिला? कई खिलाड़ियों ने पूछा और उसके बाद उस खिलाड़ी ने बता भी दिया और फिर तीन-चार खिलाड़ी भी पैसों के लालच में जानबूझकर बुरी तरह से खेले । कुछ ही दिनों में एक खिलाड़ि ही नहीं, कुछ और खिलाड़ी भी बहुत अमीर और धनी बन गए ।अब तो कई मीडिया वाले और पुलिस वालों को शक हुआ कि ऐसे कैसे हो सकता है । दूसरे जो खिलाड़ी थे, वे ईर्ष्यालु थे पर इसे उन्होंने गैरकानूनी माना । बात यहीं तक ही रुकी नहीं, सभी खिलाड़ियों ने दूसरे खिलाड़ियों का अनुकरण किया । सब टीम के खिलाड़ी पैसे लेकर यह काम करने लगे ।
फिर कई दिनों के बाद मीडिया के एक आदमी ने पता लगाया कि कोई इन सब लोगों को पैसे दे रहा है हारने के लिए । फिर न्यायालय में उन सब खिलाड़ियों पर केस हुआ और आखिर में उनको सज़ा मिली कि वे सब दस साल के लिए क्रिकेट नहीं खेल सकते और उनको जो धन मिला है, उसे भी वापिस लिया जाएगा । अखबार लेखक ने यह भी लिखा कि जिसने पैसे दिए वो आदमी अभी कहीं भाग गया और उसे ढूँढने की तलाश अभी भी चल रही है। उस आदमी को ढूँढने के बाद, उसे भी दंड मिलेगा न्यायालय से । फिर पुलिस सब खिलाड़ियों से जो क्रिकेट खेलते हैं पूछताछ करेगी । अगर उनका भी संबंध उस आदमी से होगा जो पैसा देता है हारने के लिए तो उन्हें भी सज़ा मिलेगी।

निष्कर्षस्वरूप , जिस खिलाड़ी ने यह बुरा किया , उसकी वजह से पूरी टीम को अपमान सहना पड़ा। सही कहा गया है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है । 






2 comments:

  1. The story were quoqq good and...It help me alot...
    #Thank You....

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  2. it helped me to get idea and build up my own story... #thank you

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