Monday, March 31, 2014

Story on proverb- Parishram hi saphalta ka sopan hai/ परिश्रम ही सफलता का सोपान है - मेहनत करने से ही सफलता मिलती है अथवा सफलता का रहस्य सोपान है


मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई  में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में कहावत के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है । बच्चों से कई सारी  कहावतों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग कहावत दी जाती है जिस पर वे निबंध लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको कहावतें भी समझ आ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल न हो । इन कहावतों पर लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें कहावतों का अर्थ अच्छी तरह से समझ आ सके । हर कहावत के आगे वर्ष लिखा गया है , इसका मतलब है कि यह कहावत बोर्ड में उस वर्ष में पूछी गई है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी । 






परिश्रम ही सफलता का सोपान है - मेहनत करने से ही सफलता मिलती है अथवा सफलता का रहस्य सोपान है (आयुष) 2013
हम सुबह-सुबह उठ गए थे । हम मतलब मैं, मेरी माँ, मेरे पिता और मेरी बहन लद्दाख की पहाड़ियों की चढ़ाई पर जा रहे थे । हम सुबह साढ़े चार बजे उठ गए । हमें इतनी ठंड लग रही थी कि नहाने का मन ही नहीं था । पर हम किसी तरह नहा लिए । फिर जब हम बाहर निकले तो भी हमें बहुत ठंड लग रही थी । ठंड की वजह से हमारे पैर सुन्न हो गए  । पर हम किसी भी तरह से हिम्मत और मेहनत से आगे बढ़ने लगे ।
हम गाड़ी में बैठ कर पहाड़ के पास जा रहे थे । रास्ते में जाते हुए हमने देखा कि कुछ-कुछ पहाड़ियों पर बर्फ गिर रही थी । मेरी बहन को डर लगने लगा पर मैंने और मेरे माता-पिता ने उसका हौसला बढ़ाया और उसमें जोश आ गया । जाते हुए हमें दो-तीन पहाड़ियाँ पार करनी पड़ीं ।
एक पहाड़ पर बहुत सारी गाड़ियाँ थीं । रास्ता पतला था, इसलिए यातायात रुका था । किसी की गाड़ी में बच्चा उल्टी कर रहा था, तो किसी गाड़ी का इंजन खराब हो गया और किसी गाड़ी का टायर बर्फ में फँस गया था ।
हमें बहुत देर हो रही थी , ऐसा लग रहा था कि होटेल शाम तक ही पहुँचेगे । पर धीरे-धीरे गाड़ियाँ हिलने लगीं । हम अब इस पहाड़ से नीचे उतर गए थे । उतरने के बाद दूसरे पहाड़ में भी वही देखा जो पहले वाले में देखा था । तभी हमारी कार का टायर पंक्चर हो गया और हमारी गाड़ी भी खराब हो गई । इधर बर्फ भी गिरने लगी । पर हमने हौसला नहीं हारा ।
फिर हम उस पहाड़ पर पहुंच ही गए जहाँ हम चढ़ाई करने वाले थे । यह पहाड़ बर्फ से गिरा हुआ था । हमें इस पहाड़ पर चढ़ना बहुत मुश्किल लग रहा था । पर हमने अपने आप से कहा," इतनी दूर आए हैं, तो चढ़ाई कर के ही जाना है ।"
हमने चढ़ाई शुरु की । थोड़ा ही ऊपर जाकर हमें ठंड लगने लगी, पर हमने मेहनत कर के चढ़ाई जारी रखी । आगे जाकर हमारे मार्गदर्शक के पैर में मोच आ गई , तो वह हमारे साथ आगे न जा सके । अब चढ़ाई और भी मुश्किल हो गई थी । हमने अपनी मेहनत से चढ़ाई खत्म कर ली । फिर जब हम ऊपर जाकर  वापिस नीचे आए तो ऐसा लगा कि हम कोई जंग जीत गए हैं ।

इसे देखकर मेरे मन में यह आया कि "परिश्रम ही सफलता का सोपान है - मेहनत करने से ही सफलता मिलती है अथवा सफलता का रहस्य मेहनत है । 

10 comments:

  1. What a storyyy😄😄😄😄😄😃😃😃😃😃😃😃😄😄😄😄

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  2. nice story👌👌👍👍👏👏

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  3. Thank you very very much

    It was so helpful 👍👍🤙

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  4. Vry nice story nd vry helpful for students.. Thanks for this..👍

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  5. This comment has been removed by the author.

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  6. 😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒

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